शिव और अनुयायी
शिव और अनुयायी
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भारत में धर्म का विश्वास दृष्टि से देखा जाता है। शिव और राम, दोनों ही भगवानों की पूजा अतिथि रूप से की जाती है। शिव के अनुयायी आमतौर पर स्थानीय रहते हैं और अपने धर्म को जीवंत रखने में लगन दिखाते हैं। राम भक्त, जिन्हें "रामसेवक" भी कहा जाता है, शक्ति और न्याय का प्रतीक मानते हैं।
- जिनके> भगवान राम को आदर्श मानते हैं।
- राम * की पूजा रखने वाले भी उपस्थित हैं।
यह स्पष्ट है कि धार्मिक मान्यताओं में विविधता का महत्व है, और शिव और राम के अनुयायी इस विविधता को स्वीकार के रूप में देखते हैं।
जो भक्त नहीं राम और शिव का
जो व्यक्ति राम और शिव का मानता है वह ही सच्चा हिन्दू है। सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
- राम और शिव हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हैं।
- पूर्वजों का सम्मान करना भी एक आवश्यक कर्तव्य है।
राम का नाहि हो तो क्या है?
यह सवाल एक बहुत ही गंभीर सवाल है। हमें ये देखने को मिल रहा है हर कोई राम से ज़्यादा सोचता है। लेकिन हमेशा याद रखना चाहिए कि राम समान होना आसान नहीं है। वह सबके लिए प्रेरणा थे
हर किसी को राम बनाना चाहिए। इसे सिर्फ सोचकर ही नहीं, बल्कि कार्यों से भी करना होगा।राम जैसे जीवन जीने की कोशिश करें
ये एक अनमोल सवाल है।
एक सच्चे भक्त की पहचान
एक सच्चे भक्त की जाँच कठिन होती है। वह ईश्वर के प्रतिष्ठा से निर्णय करता है। एक सच्चा भक्त हमेशा सत्य का ही पालन करता है और कष्ट में भी कभी ईश्वर के प्रति भावना नहीं छोड़ता। वह समझ को महत्व देता है और हमेशा धर्म का रस्ता चुनता है।
- उदाहरणों से ही एक सच्चे भक्त की पहचान नहीं होती।
- एक सच्चा भक्त अपने प्रति सदैव वफादारी का प्रदर्शन करता है।
- ज्ञान और सच्चाई उसे मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
जीवन का उद्देश्य बिना राम के
जीवन में आना जाता है एक निश्चित उद्देश्य. परन्तु राम के बिना, यह उद्देश्य बहुत ही अज्ञात हो जाता है. जैसे एक जीवन बिना उद्देश्य read more के, वो बेमानी वाली हो जाती है. राम हमारे लिए अपना मार्गदर्शन. उनके अभाव में जीवन एक खाली रिक्ति जैसा ही महसूस हो सकता है.
रामायें भजो, शिवलिंग को भी प्रणाम करो
एक धार्मिक सत्य है कि देवता सभी एक हैं। किसी तरह से हम भगवान शिव को पूजा करते हैं, तो राम जी की पूजा भी करना चाहिए। क्योंकि एक परमेश्वर है, जो सभी रूपों में प्रकट होता है। शिवभगवान का भक्त होकर, राम जी का भी पूजन करना चाहिए।
- इसलिए
- रामदेवता की पूजा, शिव की भी!.|}